कालसर्प पूजा - पंडित. देव कुमार शर्माजी के द्वारा

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पंडितजी के बारेमे

पंडित . देव कुमार शर्माजी त्र्यंबकेश्वर मे रहते है । पंडित संपूर्ण पूजाविधी शास्त्रोक्त और वेदोक्त तरीकेसे करवा लेते है ।ब्रम्ह, विष्णु, महेश विशेष रूप से एक ही स्थान पर है ,इसीलिए एक महत्वपूर्ण रस्म है।



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त्र्यंबकेश्वर मे पूजाये

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कालसर्प शांती


कालसर्प योग का विचार करनेसे पहले राहू केतू का विचार करना आवश्यक है| राहू सर्प का मुख माना गया है| तो केतू को पुँछ मानी जाती है| इस दोग्रहोंकें कारण कालसर्प ..

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त्रिपिंडी पूजा


त्रिपिंडी श्राद्ध में ब्रह्मा, विष्णू और महेश इनकी प्रतिमाए उनका प्राण प्रतिष्ठा पूर्वक पूजन किया जाता है| हमे सताने वाला, परेशान करने वाला पिशाच्च योनिप्राप्त जो जीवात्मा रहता है उसका नाम एवं गोत्र हमे द्न्यात नही होने से उसके लिए "अनादिष्ट गोत्र" का शब्दप्रयोग किया जाता है| .

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पितृ दोष


पितरों की प्रसन्ता‍ के लिये धर्म के नियमानुसार हविष्ययुक्त पिंड प्रदान आदि कर्म करना ही श्राध्द कहलाता है। श्राध्द करने से पितरों कों संतुष्टि मिलती है और वे सदा प्रसन्न रहते हैं और वे श्राध्द कर्ता को दीर्घायू प्रसिध्दि, तेज स्त्री पशु एवं निरागता प्रदान करते है।...

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पूजा स्थल

त्र्यंबकेश्वर - नाशिक

संपर्क करे

+91 9595364739, +91 9890391437

ई-मेल

[email protected]



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